बारा गावं एक अति सुंदर गावं है । यह बिहार प्रांत की सीमा से सटा हुआ है। इसके एक किनारे पर ,बिहार प्रांत की सीमा को अलग करने वाली नदी कर्मनाशा बहती है ,तो इसके दूसरे किनारे से ,कल कल करतीं गंगा की मौजें वातावरण में मधुर तरंग बिखेरती हुई गुजरतीं हैं। इस गावं की आबादी लगभग ५५ से ६० हजार के मध्य है। इसकी मिट्टी काफी उपजाऊ और सुगन्धित है । इस गावं की मिट्टी में पले बढ़े युवा,डाक्टर,इंजीनीयर आइएस व आएपीस की कुर्सी पर बिराज मान हैं।यहाँ के युवा गल्फ देशों में भी हैं यहाँ के युवाओं की पहली प्राथमिकता पुलिस महकमे में सेवा करना हैं । यहाँ के अधिकांस लोग कोलकता व मुंबई में रहकर अपना कारोबार करतेहैं।
यह एक ऐतिहासिक गावं रहा है। इसी गावं के पूर्वज हुमेल खान ने वर्मा के युद्ध मैं क्रास हासिल किया था, जिस पर अंकित था - हुमेल खान सूबेदार बारा ,जमीन का शेर और आसमान का तारा।
यह एक ऐतिहासिक गावं रहा है। इसी गावं के पूर्वज हुमेल खान ने वर्मा के युद्ध मैं क्रास हासिल किया था, जिस पर अंकित था - हुमेल खान सूबेदार बारा ,जमीन का शेर और आसमान का तारा।